काल किसे कहते है? what is tense in hindi grammar

हेल्लो स्टूडेंट क्या आप खोज रहे की हिंदी व्याकरण मे काल किसे कहते है ? ये कितने प्रकार के होते है , इसके भेद कितने है तो आप सही जगह आये है ये सब का उत्तर अपको मिलेगा 

TABLE OF CONTENT

सबसे पहले हम काल के बारे मे जानेंगे काल कहते किसे है –

क्रिया(Verb, काम) के जिस काल रूप से उसके होने के समय का बोध होता है, उसे काल कहते हैं। 

इसके तीन भेद हैं-  निचे दिए गए तालिका में देखे 

क्रिया के जिस रूप से कार्य की समाप्ति का बोध हो उसे ‘भूतकाल’ कहते हैं। दूसरे शब्दों में जिस क्रिया से बीते हुए समय में क्रिया का होना पाया जाता है उसे भूतकाल कहते हैं।

भूतकाल के छ: भेद हैं  –

1. सामान्यभूत 

क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का निश्चित ज्ञान न हो उसे सामान्यभूत कहते हैं; जैसे श्याम गया। गीता आई।

2. आसन्नभूत 

इसमें ऐसा है की, क्रिया के जिस रूप से क्रिया के व्यापार का समय आसन्न (निकट) ही समाप्त समझा जाए उसे आसन्न भूत कहते हैं, 

जैसे– 1. अंकुर नैनीताल से लौटा है। 

2. मैं खाना खा चुका हूँ।

3. अपूर्णभूत

 क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि क्रिया भूतकाल में हो रही थी, लेकिन उसकी समाप्ति का पता न चले, उसे ‘अपूर्णभूत’ कहते हैं, 

जैसे :-सितार बज रहा था।

4. पूर्णभूत :-

क्रिया के जिस रूप से बीत चुका समय में कार्य की समाप्ति का पूर्ण बोध होता है, उसे पूर्णभूत कहते हैं, 

जैसे :_मैं नास्ता कर चुका हूँ। 

5. संदिग्धभूत 

इसमे क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय में कार्य के पूर्ण होने या न होने में सन्देह होता है, उसे संदिग्धभूत कहते हैं।

जैसे :-मोहन ने गाया होगा।

6. हेतुहेतुमद्भूत 

क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया भूतकाल में होने वाली थी पर किसी कारणवश न हो सकी, उसे हेतुहेतुमद्भूत कहते हैं।

जैसे :-यदि वह पड़ता तो परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता।

क्रिया के जिस रूप से वर्तमान समय में क्रिया का होना पाया जाए, उसे वर्तमान काल कहते हैं। इसमें क्रिया का आरम्भ हो चुका होता है पर समाप्ति नहीं होती। 

वर्तमान काल के तीन भेद हैं

1.सामान्य वर्तमान

इसमे क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान काल में क्रिया का होना पाया जाए , सामान्य वर्तमान कहलाता है, 

जैसे:- लड़का पढ़ता है।

2. संदिग्ध वर्तमान 

क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान काल में क्रिया के होने में सन्देह हो, उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं, 

जैसे:- राम पड़ता होगा।

3. अपूर्ण वर्तमान

क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल में क्रिया की अपूर्णता का बोध होता है अर्थात क्रिया चल रही होती है, उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं, 

जैसे वह पड़ रहा है।

किया के जिस रूप से भविष्य में होने वाली क्रिया का बोध हो, उसे भविष्यत् काल कहते हैं। इसके तीन भेद हैं

1.सामान्य भविष्यत्

क्रिया के जिस रूप से भविष्य में होने वाले कार्य के सम्बन्ध में यह व्यक्त हो कि क्रिया सामान्यतः भविष्य में होगी, उसे सामान्य भविष्यत् कहते हैं; जैसे लता गीत गाएगी।

2.सम्भाव्य भविष्यत् 

इसमे क्रिया का वह रूप जिससे कार्य होने की सम्भावना का बोध हो,उसे सम्भाव्य भविष्यत् कहते हैं;

जैसे सम्भव है कि वह कल जाएगा।

3.हेतुहेतुमद् भविष्यत् 

क्रिया का वह रूप जिससे भविष्य में एक समय में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर हो हेतुहेतुमद् भविष्यत् कहलाता है; 

जैसे राम गाए तो मैं बजाऊँ।

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *