हेल्लो दोस्तो इस आर्टिकल मे हिंदी ग्रामर से सम्बन्धित संक्षिप्त लेखन के बारे मे पढ़ेंगे। यह टॉपिक बहुत ही महत्वपूर्ण है खास कर प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए।संक्षिप्त लेखन बहुत ही सरल है और इसे देखने से ही इसका मतलब समझ मे भी आजाता है ।
जैसे – संक्षिप्त का मतलब किसी बड़े वाक्यों को छोटे वाक्यों मे दर्शाना ।
लेखन का मतलब होता है लिखना ।
इस तरह इसे आसान भाषा मे समझ सकते है। आइये इसे और भी अच्छे से समझे
संक्षिप्त लेखन:-
संक्षिप्त लेखन एक छोटे प्रस्तुति या लेख को समर्थन करने वाली एक प्रक्रिया है, जिसमें किसी विषय, विचार, घटना, या समस्या को संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है। यह लेखन एक संक्षेपण या सार देने का प्रयास होता है, जिससे पाठक अधिक समय खर्च किए बिना विषय को समझ सकें। संक्षेपण आमतौर पर एक पैराग्राफ या कुछ पैराग्राफों की छोटी रचना होती है, जिसमें मुख्य विचारों को सार्थक और सुसंगत ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।
संक्षिप्त लेखन के कुछ मुख्य विशेषताएं हैं:
1. संक्षिप्तता:- संक्षेपण का मुख्य लक्ष्य विषय को संक्षेप में प्रस्तुत करना होता है। इसमें अधिकतर शब्दों का उपयोग नहीं किया जाता और सिर्फ मुख्य विचारों को ही लिया जाता है।
2. स्पष्टता: संक्षेपण में विचारों को स्पष्टता से प्रस्तुत किया जाता है। पाठक को समझने में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता या संदिग्धता नहीं होनी चाहिए। पाठक को आसानी से समझ आना चाहिए।
3. सार्थकता: संक्षेपण में प्रस्तुत विचार सार्थक होते हैं और अपनी प्रतिबद्धता में सत्यता का अनुभव कराते हैं।
4. परिपूर्णता: संक्षेपण में प्रस्तुत जानकारी पूर्ण होती है और विषय के संबंध में किसी भी प्रकार की अवशिष्टता नहीं होती है।
5. समर्थन: संक्षेपण में प्रस्तुत विचारों को उदाहरण, तथ्य, अनुभव या प्रमाण के माध्यम से समर्थित किया जाता है।
संक्षिप्त लेखन का उद्देश्य पाठक को विचारों को संक्षेप में समझने और समर्थन करने में सहायता करना होता है। यह लेखन विभिन्न परिस्थितियों में उपयोगी होता है, जैसे परीक्षा के समय, व्याख्यान देने के लिए, या संक्षेप में जानकारी साझा करने के लिए।